या तो हमें मुकम्मल चालाकियाँ सिखाई जाए,
नहीं तो मासूमों की अलग बस्तियाँ बसाई जाए....
इतना टूट के ना चाहो, उसे मोहब्बत की शुरूआत में....
क्या पता उसकी बहन ज्यादा खूबसूरत हो।
नहीं तो मासूमों की अलग बस्तियाँ बसाई जाए....
इतना टूट के ना चाहो, उसे मोहब्बत की शुरूआत में....
क्या पता उसकी बहन ज्यादा खूबसूरत हो।